39- श्रीरासपंचाध्यायी -हनुमान प्रसाद पोद्दार बस, उसी के द्वारा ये सारे काम हुये। नहीं तो यह काम हो नहीं सकते। भगवान की यह लीला-रासलीला हुई योगमाया के प्रकाश में, योगमाया के द्...
37- श्रीरासपंचाध्यायी -हनुमान प्रसाद पोद्दार जो अन्तर्मुख हैं उनकी सारी प्रीति, सारा प्रेम रहता है भगवत-चरणों में समर्पित और जो बहिर्मुख जीव हैं उनकी वृत्ति, उनकी प्रीति, उ...
38- श्रीरासपंचाध्यायी -हनुमान प्रसाद पोद्दार अतरंगा माया भक्तों को अन्तरंग में ले जाती है। भगवान के रहस्यमय रंगमहल में ले आती है। लीला क्षेत्र में ले आती है और बहिर्मुख मो...
36- श्रीरासपंचाध्यायी -हनुमान प्रसाद पोद्दार श्रीभगवान ने व्रजलीला में वात्सल्य-सख्य रसास्वादन के बाद जब परम प्रेमवती व्रजरमणियों के मधुर रसास्वादन का विचार किया, उसमे...