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श्रीरासपंचाध्यायी 27- इसलिये माँ चारों तरफ निगाह रखती है, चौकन्नी रहती है कि यह बड़ा उधमी, बड़ा चपल है, न मालूम कब क्या कर बैठे? बुद्धि तो हैं नहीं इसमें। तो शासन में रखती है सम्भाल रखती है, रक्षा करती है, नेह से पालती है और समय-समय पर तर्जन ताड़न मारन भी करती है। अँगुली दिखाती है कि खबरदार ऐसा फिर किया तो खबर ले ली जायेगी, तेरी सारी शरारत निकाल दूँगी। अच्छी सीख देती है न।बच्चे को सीख न दे और ख़ाली लाड़ ही लाड़ करे तो बच्चा बिगड़ जाय। इसलिये वात्सल्य रस में सीख दी जाती है, शिक्षा दी जाती है। श्रीमद्भागवत की दाम बन्धन लीला वात्सल्य प्रेमवती यशोदा मैया के वात्सल्य का एक समुज्जवल दृष्टान्त हैं। मैया ने लाठी भी हाथ में ले ली, डराया भी, धमकाया भी, पकड़ने को पीछे दौड़ी भी, ऊखल से बाँध भी दिया। कौन-सी बात बाकी रही? बाँधा क्यों? इसलिये कि कहीं गुस्से में आकर भाग गया जंगल में तो? और अपने को घर का काम भी करना है। यह माँगेगा थोड़ी देर बाद खाने को। कोई सेवक तो हैं नहीं। सबको भेद दिया बाहर कहीं माँग न ले और यह इतना चंचल है कि काम करने देगा नहीं और कहीं छोड़ के भाग जाय। आज गुस्से में आ गया है। कहीं