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Showing posts from January, 2019

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3- श्रीरास पंचाध्यायी- हनुमानप्रसाद पोद्दार भगवान आते हैं और हमारे मन को खुला नहीं देखते हैं, भगवान आते हैं पर हमारे मन को किसी के द्वारा पकड़ा हुआ देखते हैं, हमारे मन में किस...

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2- श्रीरासपंचाध्यायी -हनुमान प्रसाद पोद्दार गोपियों की दृष्टि में है केवल चिदानन्दस्वरूप प्रेमास्पद श्रीकृष्ण, बस, उनके हृदय में श्रीकृष्ण को तृप्त करने वाला प्रेमामृ...

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4- श्रीरासपंचाध्यायी -हनुमान प्रसाद पोद्दार बच्चे बड़े प्यारे होते हैं। कोई-कोई बच्चों को दूध पिला रही थीं- ‘शिशून् पयः पाययन्त्यः’- शिशुओं को दूध पिलाती हुई भी छोड़कर दौड...

रासपंचादयायी 1

1- श्रीरास पंचाध्यायी- हनुमान प्रसाद पोद्दार आज रास-पूर्णिमा है। ‘रास’ शब्द को सुनकर हम लोग प्रायः जो रासलीला होती है उसी की ओर देखते हैं, दृष्टि वहीं जाती है। वह रासलीला भी ...